धर्मग्रंथों के अनुसार नारद-नारायण संवाद के दौरान संतान प्राप्ति और संतान की पीड़ाओं का शमन करने के लिए इस व्रत का विधान बताया गया है। धर्मग्रंथों के अनुसार भगवान शिव के तेज से उत्पन्न बालक स्कन्द की छ ...